Tuesday, November 4सत्यम खबर
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अवधी

अवधी भाषा से अब शास्त्रार्थ होय

अवधी भाषा से अब शास्त्रार्थ होय

अवधी, प्रदेश ५, बिचार, शिक्षा/स्वास्थ्य
– ‘विद्रोही’मिति २०७८ बैशाख ७ गते विद्रोही अवधी भाषा करोडन वर्ष पुरान है । एक अणु पईदा होयक बाद यही अणु अनेकन खण्डमा बंटी गवा जेहीके कारण तमाम पशु, पंक्षी, जीव, जन्तु वनस्पति अऊर मनई बनें । मनई पहिले आदिम काल मा रहे ऊ न·े रहत रहय । जंगल मा ऊ लोग रहत रहय । कन्द मूल, फल, जंगली जानवर उनके आहार रहय । ऊ लोग आग मा आहार पकायकै नाय खात रहय । काहे कि ऊ समय मा आगी कै जानकारी कोईक नाय रहय । विरुवन कै पाती शरीर मा लपेट रहत रहय । ई मेर धीरे धीरे मनई कै दिमाग मा चेतना पईदा होतय गवा । बौद्धिक चेतना पइदा होयक बाद मा ऊ लोग भाषा केरे विकास करेक जुटी गए । उनके मुंह से पहिल शब्द निकरा ओ३म्, ओ३म् कै उच्चारण से उनके दिमाग तेजी से बढय लाग उन लोग कै दिमाग अतना तेजी से बढा कि बाद मा ऊ लोग पहिल भाषा संस्कृत मा बोलय लागे । ई संस्कृत भाषा देवतन कै भाषा बना । देवतन कै समय मैंहा तमाम राक्षस संस्कृति कै लो...
अवधी पत्रकार संघद्वारा अवधी भाषी पत्रकारहरुलाई सम्मान (तस्वीरहरुको केही झलक सहित)

अवधी पत्रकार संघद्वारा अवधी भाषी पत्रकारहरुलाई सम्मान (तस्वीरहरुको केही झलक सहित)

अवधी, आस्था, प्रदेश ५, शिक्षा/स्वास्थ्य, श्रम/रोजगार, समाचार, समाज
नेपालगन्ज, ४ बैशाख – नेपाल पत्रकार महासंघको चैत २५ गते सम्पन्न भएको निर्वाचनमा निर्वाचित अवधी भाषी पत्रकारहरुलाई अवधी पत्रकार संघ नेपालको जिल्ला कार्यसमिति बाँकेले स्वागत सम्मान तथा नव वर्षको शुभकामना आदानप्रदानको कार्यक्रम भब्य रुपले सम्पन्न गरेको छ । सम्मान तथा नव वर्षको शुभकामना आदानप्रदान कार्यक्रम नेपालगन्ज–४ श्री शिवपार्वती मन्दिर प्राङ्गण तथा अवधी पत्रकार संघ भवन निर्माण स्थलमा शनिवार सम्पन्न गरिएको छ ।कार्यक्रममा लुम्बिनी प्रदेश सदस्य मो.आरिफ अन्सारी, प्रदेश परिषदका मेराज सल्मानी, सदस्यतर्फ भीष्म लोध, जावेद अन्सारी, जावेद हलुवाईलाई सम्मान गरिएको थियो भने प्रदेश परिषदका मुस्ताक अहमद जसगढ, सदस्य दिनेश ठाकुर अस्वस्थ भएको कारण कार्यक्रममा अनुपस्थित रहेका थिए । स्वागत तथा सम्मान कार्यक्रममा पत्रकार महासंघका संस्थापक अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार तथा प्रेस स्वतन्त्रता सेनानी लियाक...
लोकतन्त्र अउर जीवनशैली

लोकतन्त्र अउर जीवनशैली

अवधी, प्रदेश ५, बिचार, समाज
– हेमन्तराज काफ्ले ‘ऋतु’ २०७७ चैत २१ गतेऐतिहासिक लोकतान्त्रिक आन्दोलन से सफलता पायेक एक दशक होई पहुँच गवा है । युगान्तकारी परिवर्तन के खातिर दर्जनौं व्यक्ति लोग अपन जीवन का आहूती दै चुके है । मने ऊ शहीद लोग जिके खातिर अपने जीवन कै आहूती दिहिन रहय, ऊ दिशा मइंहाँ मुलुक सञ्चालन नाय भवा है । शहीदन के घर परिवार, घायल अउर आन्दोलनकारी औ दशक लम्बा सशस्त्र हिंसा के क्रम मैंहा तड्फत रहें पीडित लोग जान लेयक चाही आज तक न्याय नाय पाइन हैं बिपन्न वर्ग के खातिर लोकतन्त्र से तनिकौ फरक अबही तक नाय परा है ।जनता के प्रतिनिधि लोग लिखा गा संबिधान जारी भवा है तौ वास्तविक लोकतन्त्र तर्फ के रूपान्तरण के खातिर सहभागितामूलक लोकतन्त्र कै अभ्यास नाय होइ पाइस है । राज्य सञ्चालन मइंहाँ जनता कै नियन्त्रण लोकतन्त्र होय । मने स्थानीय निकायन मैंहा करीब दुई दशक से निर्वाचन न होयके कारण से स्थानीय निकाय मैंहा तरे तह के रा...
अवधी बिज्ञान कै दृष्टि से अवधी कै मूल्यांकन

अवधी बिज्ञान कै दृष्टि से अवधी कै मूल्यांकन

अवधी, आस्था, प्रदेश ५, बिचार
– सच्चिदानन्द चौवे २०७७ चैत २१ गतेअवधी भाषा कै भाषा विज्ञान कै दृष्टि से विवेचन करय से पहिले हिन्दी भाष कै सर्दभमा अवधी कै कैसन स्थित है ? यहिका जानबु जरुरी है । हिन्दी भाषा केर निम्नलिखित दुई उपभाषा या बिभाग मानी गई है । १ः– पश्चिमी हिन्दी २ः– पूर्वी हिन्दी कै निम्नलिखित तीन वाली मानी गई है । १ः– अवधी २ः– वधेली ३ः– छत्तीसगढी पश्चिम हिन्दी कै पाँच वोली मनी जाती है । कौरवी, वाँगरु, कजकन्नौज, वुन्देलखण्डी ।भाषा वैज्ञानिक लोग पश्चिम हिन्दीका शौरसेनी अपभ्रंश ते औ पूर्वी हिन्दीका अर्धमागधी अपभ्रंश ते व्युत्पन्न औ विसित मानत हैं । असमिया, बंगाल, उडिया औ बिहारी भाषाएं मागधी अपभ्रंश से व्यत्पन्न औ विकसित मानी गई है । ऐसन अवधी एक तरफ तो पश्चिमी हिन्दी की बोलिन से प्रभावित है औ दुसरी ओरिया वंगाल, असमिया, उडिसा औ बिहारी भाषन से प्रभावित है । भाषायी विकास कै प्रक्रिया यह सिद्ध करति है कि अवधी भाषा ...
बुरा नमानौं होली है ‘आनन्द’ कै महामूर्ख वाणी

बुरा नमानौं होली है ‘आनन्द’ कै महामूर्ख वाणी

अवधी, आस्था, कला/साहित्य, प्रदेश ५, बिचार, समाज
विद्रोही नेपालगंज नगरीया कै वार्ड नं. ११ मईहाँ साहित्यकार सच्चिदानन्द चौबे ‘आनन्द’ वईठत हय । नेपालगंज मईहाँ आनन्द के नाम लेतय मा लोग सच्चिदानन्द चौबे होंय समझ लेत हंय । नारायण माध्यमिक विद्यालयमा मास्टरी करतय ऊ महेन्द्र पुस्तकालय कै इन्चार्ज तक रही कै काम किहिन । साहित्य क्षेत्र मा उनकै बत्तै पकड हय जत्ता शिक्षा क्षेत्र मईहाँ । ऊ हिन्दी भाषा अऊर अवधी भाषा मा बहुतय गीत, कविता, गद्य, पद्य मईहाँ बहुतय रचना लिखिन हय । तमाम किताब उनकै छपी चुका हय, तमाम किताब छपेक बाँकी हय । पईसा कय समस्या कय खातिर तमाम किताब नाय छप पाईस हय । अवधी रामायण सहित दर्जनौ पुस्ताक निकाल चुके हय । इमारे बहुतय चरचा मारहे । साहित्य क्षेत्र मा बहुतय काम किहिन ईमारे उनका बहुतय पुरस्कार, सम्मान मिलि चुका हय । अब फागु पूर्णिमा (होली) परव हय ईमारे हियां हम उनकै होली केरि लेख पर चरचा करवैय । होली कै पर्व मा महामूर्ख सम्मेलन ...
पिछडा वर्ग कब तक पिछडय रही ?

पिछडा वर्ग कब तक पिछडय रही ?

अवधी, प्रदेश ५, विचार/अन्तर्वार्ता, समाज
२०७७ चैत्र ११ गते नेपाल मईहाँ २ मेर के मनई रहत हय । ई मा एक जात हय पहाडी वर्ग केर दोसर हय मधेशी वर्ग केर । ई मा देखव तो पावा जात हय कि पहाडी वर्ग बहुतय शिक्षित अऊर धनी हय मूला मधेशी जातिमा न तव शिक्षा हय न तव ऊ धनीन हय । मधेशीन मईहाँ एक वर्ग हय ऊ का पिछडा जात कहा जात हय । ई जाति का आगे बढावेक खातिर उनका ओवीसी कय श्रेणी मा सुचीकृत कर दिहा गवा हय । ई पिछडा वर्गमा हय कुशवाहा, कुर्मी, कुम्हार, कंहार, कमार, केवट, कानु, तेली, कलवार, नुनिया, बनिया, भेडिहर, माली, मल्लाह, मुसलमान, वरैड, यादव, राजभर, राजधौव, रौनियार, लोहार, लोध, सुडी, सैनी, सोनार, हलुवाई, हमाज, अयात, केवरत, वर्णवाल, जोगिया, बिन, बेलदार, बोट, अऊर ईनका बडै जईसन जात केर आगे बढावेक ई ओबीसी काम करत आवा हय । ई जातन केरि विकास करेक खातिर ओबीसी सरकार के आगे आपन मांग उठावत हय । मूला सरकारी स्तर मा जऊन सहयोग आवत हय उत्ता रकम से पिछडा वर्ग ...
सडक नाटक कय माध्यम से महिला हिंसा कय बिरोध प्रदर्शन

सडक नाटक कय माध्यम से महिला हिंसा कय बिरोध प्रदर्शन

अपराध, अवधी, प्रदेश ५, शिक्षा/स्वास्थ्य, समाचार, समाज
शुभम् शर्मानेपालगन्ज, २० फागुन – विगत कुछ समय से बाँके जिला मईहाँ महिलन परिहन यौन हिंसा बढ्तय गवा हय । घटना मईहाँ संलग्न अपराधी कईहाँ पकरैयक खातिर आज–कल रोजय सांझ कय समय मईहाँ तमामन संघ संस्था से विरोध प्रदर्शन किहा जात हय ।नेपालगंज कय त्रिभुवन चउक परिहन मंगलबार कय दिन मईहाँ स्कुली विद्यार्थी लोगन सडक नाटक कय माध्यम सें अपराधी पकरैयक मांग सहित प्रर्दशन करिन रहाय । ई घटना खाली रात कय नाही बल्की आजकल दिन दहाडेन होइ लाग हय औ ई प्रकार कय घटना सें प्रमाणित होत हय कि अब ई बाँके जिला, नेपालगंज उपमहानगरपालिका, नगरपालिका, शहर औ गाउँपालिका समेत मईहाँ महिलन कय उप्पर होय वाला हिंसा कोई न कोई प्रकार सें होतय रहत हय । हालिन मईहाँ एक घटना नेपालगंज उपमहानगरपालिका कय भित्तर घटा हय, जि कय घटना विवरण जिला पुलिस कार्यालय मईहाँ किटानी जाहेरी दर्ता हुई चुका हय । ऊ घटना मईहाँ स्कुल कय परिसर मईसे एक...
एक महान व्यक्तित्व : प० योगेश्वर प्रसाद मिश्र ‘वैद्य’ जी

एक महान व्यक्तित्व : प० योगेश्वर प्रसाद मिश्र ‘वैद्य’ जी

अवधी, आस्था, प्रदेश ५, विचार/अन्तर्वार्ता, श्रम/रोजगार, समाज
– ‘विद्रोही’ २०७७ फागुन २० गतेबाँके जिला मईहाँ स्व. प० योगेश्वर प्रसाद मिश्र ‘वैद्य’ जी तमाम समाज सेवा कार्य करिकय ऊ कऊनौ समय मईहाँ बहुतय चर्चित भए रहें । वैद्य जी कय जनम १९७२ साल सावन महिना मईहाँ भवा रहय । बाँके जिला मईहाँ ऊ समय मा कऊनौ पत्रपत्रिका नाय रहय । ई बात का मनन करिकय २०१६ साल मा मात्रभूमि हिन्दी साप्ताहिक पत्रिका वैद्य जी दर्ता कराईन रहय । ई मेर वैद्य जी बाँके जिलामा पत्रकारिता कय निउ डालयक काम किहिन रहय । नेपालगंजमा ऊ ई पत्रिका कय प्रधान सम्पादक बन कय काम किहिन । १९९३ साल मा नारायण हाई स्कूल कय स्थापना अऊर ऊ कय बाद सरस्वती विद्यालय आऊर प्रेम पुस्तकालय ‘महेन्द्र पुस्तकालय’ जईस संस्था कय स्थापना उन्ही कय प्रेरणा अऊर सहयोग से भवा रहय । वैद्य जी कुछ दिन तक नारायण माध्यमिक विद्यालय मा अध्यापन जईस काम किहिन । १९९८ मा नेपाल राज्य प्रज्ञा सम्मेलन कय स्थापना करिकय हिंया राजनीतिक चेतन...
ब्यूटी टिप्सः सौन्दर्यता कय खातिर घरेलु नुस्खा

ब्यूटी टिप्सः सौन्दर्यता कय खातिर घरेलु नुस्खा

अवधी, आस्था, प्रदेश ५, बिचार
२०७७ फागुन २० गते – सन्ध्या शर्मा (चौबे) खाल अऊर त्वचा कय सुन्दरतम चमक लावयक अऊर खाल त्वचा सम्बन्धी समस्या से पिछा छोडवयक सब से अच्छा विश्वसनीय घरेलु सौन्दर्य उपायका माना जात हय ।सफल अऊर सुलभ अपनावय मईहाँ सहज अऊर कम समय मईहाँ तयार होयवाला घरेलु सौन्दर्य नुस्खा जिका हम सभय घर कय चौका रसोई घर से तयार कय सकेम बहुत सहज नुस्खा लुकान रहत हय । साथेन चेहरन कय खालन कईहाँ कउनव नुक्सान (साईड इफेक्ट) से भी हम सब कोई निरधक होई कय कउनव डेर भी नाई रहत हय । पाठक लोग अगर आप सभय आपन सुन्दरता कईहाँ लम्बा समय तक जवान ताजगी रक्खेक चाहा जावा जात हय तौ घरेलु नुस्खा आप हम सब लोगन के खातिर बरदान कय रुप होई सकत हय ।पाठक वर्ग खास कइके महिलन कय बारे मईहाँ ई नुस्खा कय जाद महत्व रहत हय । सौन्दर्य सम्बन्धी बातन कय काहे के महिला के सौन्दर्य श्रृंगार के बरदान मिला हय हर महिलन का १६ श्रृंगार कय अनुभव रहत हय ले...
मौत कय खेलौना

मौत कय खेलौना

अवधी, कला/साहित्य, प्रदेश ५, बिचार, समाज
फागुन १६ गते, आईतबारआज से लगभग ६१–६२ बरस पहिले कय ई बात होय जिका हम हियाँ एक लघु कहानी कय रुप मईहाँ प्रस्तुत करयक चाहित हँय ।विक्रम सम्वत २०१२–०१३ साल कय आस पास कय जेष्ठ–आषाद कय महिना होय । ऊ साल सायद सुखा परय तना भवा रहय । काफी लम्बे समय से पानी नाय गिरा रहय । चारऊ तरफ ताल–तलैया सब सूखि गए रहय । हमरे ई नेपालगंज कय रानी तलऊवा भी सूखि गवा रहय । हमरे साथे खेलैय वाले तमाम साथी रहय । जिन कय साथ हमहू लोग ईधर उधर खेलै चले जावा जात रहय । बाल काल कय साथी मईहाँ बदलू धोबी, अख्तर अली, सुरेश कुमार, बाबूलाल, फैयाज, नारायण गोपाल क्षेत्री, हैदर जईसे प्रमुख रहय । ई मईहाँ कुल हम जोली रहय तव कुछ हम लोगन से ३–४ बरस तक छोट रहय ।एक दिन कय बात होय हम अउर बदलू दूनौ जने अउर साथी लरिकेन कय साथ अपने घर कय पिछुवारे गड्हा मईहाँ खेलय गवा गा । ई गड्हा ऊ साल सुखाय गवा रहय । तब से आज तलक ई गड्हा पूरा कबहुँ सुखान नाई हय ।...