Tuesday, November 4सत्यम खबर
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पुरान जमाने कय होली कय याद : होली कय हुडदंगी हमरे बाबा मोहनलाल वैश्य अउर हमरे बप्पा राम गोपाल

पुरान जमाने कय होली कय याद : होली कय हुडदंगी हमरे बाबा मोहनलाल वैश्य अउर हमरे बप्पा राम गोपाल

अवधी, आस्था, कला/साहित्य, प्रदेश ५, बिचार, समाज
फागुन १६ गते, आईतबारयहय चईत १६ गते हम आर्यन लोगन कय महान परव होली आवय वाला हय । होली कय बात होय अऊर हमरे बाबा स्व. मोहनलाल वैश्य अउर हमरे बप्पा स्व. रामगोपाल वैश्य कय जिकिर नहोय अईस तो होइन नाय सकत हय ।ई नेपालगंज नगरीया मईहाँ होली खेलय कय इतिहास बहुतय पुरान हय । ई नगर कय त्रिभुवन चऊक मईहाँ खेलय वाला होली तो देशै भरए मईहाँ प्रसिद्ध हय । पचासन साल पहिलय त्रिभुवन चऊक कय पच्छु तर्फ घी पिघलावै वाला बहुतय वडा लोहे कय कढाव रक्खा रहय । होली मईहाँ यही कढाव मईहाँ खुब गाढा लाल रंग घोरा जात रहय । ई रंगीन पानी मईहाँ होली खेलय वालेन कईहाँ बोर दिहा जात रहय । हियाँ धमार गावय वाले लोग जुटत रहेंय । होली कय गीतन से बसन्त कय ऋतु मईहाँ निखार आए जावा करत रहय । जईसन होली नकचियाय २ महिना पहिलेन से होली कय हुडदंगी लोग ठऊर ठऊर से लकडी चोराय के लावंय अऊर ऊ लकडी का होलिका जलावय वाले ठऊर मईहाँ जमा करतय जात रहय...
“आल्हा”

“आल्हा”

अवधी, प्रदेश ५, बिचार
आज से चालिस–पचास वर्ष पहिले अवधी समाज मइहाँ गंगा दशहरा से लइकै भादौं मासान्त तक पुरुष वर्ग वालक से लइकै वयस्यक तक के लोगन के बीच अखाडा मइहाँ कूदै औ कुश्ती लडै कय प्रतियोगिता होत रहय, डंड–वैठक, मग्दर भाँजै, लाठी चलावै, अखाडा कूदब जस कसरतै करैक चलन रहय । गाउँ– घर कय बिटिया– बहुरिया झलुवा – झूलत रहीं । यी अवसर मइहाँ झलुवा झूलैं वाली मेंहरुवै “कजरी” ‘सावन’ बारह मासा जस लोक गीत गवति रहीं अउर पुरुष वर्ग “वीरगाथा महाकाव्य” कय रचना ढोलक–मँजीरा के साथ सुनावत रहें । यी काव्य एकल एवं सामूहिक दूनौ तरह से क्षेत्र–क्षेत्र कय अनुसार गावैक चलन रहा । वर्षत मइहाँ कौनव व्यापार– धंधा होत नाय रहय, तब आदमी लोग खाली रहत रहँय वही समय मइहाँ का रहैं अतः सोमवार कय दिन भगवान शंकर कय ब्रत–पूजन–हवन, कीर्तन करत रहें अउर वाँकी दिनन मइहाँ एक्कठै होइकै आल्हा गावैं औ सुनैक खातिर वडा इच्छा करत रहँय । अव यी “आल्हा” वास...
बाँके जिला कय पत्रकारिता के पुर इतिहास

बाँके जिला कय पत्रकारिता के पुर इतिहास

अवधी, प्रदेश ५, बिचार, समाज
– ‘विद्रोही’ नेपाल कय पत्रकारिता कय जब जिकिर किहा जाई बाँके जिला कय नाम दुसर तिसर स्थान मईहाँ ई जरुर आवत हय । हिंया वि.सं. २०११ साल से पत्रकारिता कय निऊ डाला गवा रहय । वि.सं. २०११ साल मईहाँ स्व. महावीर प्रसाद गुप्ता कय साप्ताहिक नयाँ सन्देश पहिल पत्रिका निकलारहय । मूला ई पत्रिका सरकारी मान्यता से नाय निकला रहय । प्रज्ञा परिषद कय आर्थिक सहयोग मईहाँ भारत कय उत्तर प्रदेश कय राजधानी लखनऊ जऊन कि नेपालगंज से १९० किलोमिटर दुरी पर हय, हुँवा से ई पत्रिका छपी कय आवत रहय । ई पत्रिका १ वरस तक निकला बाद मईहाँ पईसा कय कभी कय कारण बन्द हुई गवा । इके बाद मईहाँ २०१२ साल मईहाँ बब्रुबाहन सिंह अऊर अनिरुद प्रसाद सिंह कय सम्पादन मईहाँ मंगल ज्योति नाम कय पत्रिका मुखपत्र मंगलप्रसाद माध्यमिक विद्यालय निकालिस । ई पत्रिका कय १ अंक सिरिफ प्रकाशित भवा । ईके ठिक ५ साल बाद २०१६ साल मईहाँ प० स्व. योगेश्वर प्रसाद मिश्र...