मिति २०७८ बैशाख ९ गते
विद्रोही
नेपालगंज नगरी कै इतिहास बहुतय पुरान हय । ई नगर भारत के लखनऊ मा भवा अंग्रेज कै विरोधमा गदर देखिस है । गदर करै वाले योद्धा का देखिस है । जब अन्तिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर अंग्रेज कै विरोध मा ऊ गदर मा सहभागी हुई कै ई नेपालगंज नगरी तरफ आवै लागे ऊ समय उन का नेपाल भारत कै सीमावर्ती क्षेत्र कै कस्वा बाबागंज से पकरि कै म्यांमार मा बन्द करेक लै जावा गवा । ई नजारा भी नेपालगंज नगरी देखिस है । बेगम हजरत महल जब अग्रेज कै विरोध मा उतरीके संघर्ष करतय नेपालगंज कै बाँकी गाँव ऊ के बाद सोनपुर टप्पा, बैजापुर, महादेवपुरी मा बईठी, बाद मा जब दांग पहुँची ऊ समय मा नेपाल कै प्रधानमन्त्री जंग बहादुर राणा उनका पकरी कै काठमाण्डु कै बबर महल मा बन्द करिके उनीके तमाम धन दौलत लुटीस ई नजारा भी ई नेपालगंज नगरी देखिस है । सन् १८५७ लखनऊ लुट (गदर) कै खतम होयक बादमा जब नेपालगंज नगरी नेपालमा मिला अऊर नवाँ मुलुक बन गवा यहुँ नजारा ई देखिस है । ई मेर नेपालगंज नगर कै बहुतय पुरान इतिहास है । ई बाँके जिल्ला कै सोनपुर टप्पा अऊर बैजापुर से मानव कै विकास के शुरुआत भवा रहय यहु बात ई नेपालगंज जानत है । ई नगर राणा शासन कै क्रुरता अऊर कायरता भी देखिस है । ई मेर ई नगरी कै ऐतिहासिकता कोई नाय मिटाय सकत है ।
नेपालगंज नगरी से सटा सिधनिया घाट, सोनपुर टप्पा, बैजापुर, महादेवपुरी कै नेपालगंज नगरी जईसेनै पुरान इतिहास है । ई ठाँव के खातिर बाँके किल्ला बहुत दुर–दुर तक प्रसिद्ध है । नेपालगंज का लखनऊ कै अमीनावाद जईस बसावा जाय ई काम करै वाले महान व्यक्तित्व का भी ई नगरी देखिस है । नेपालगंज नगरी कय खासियत त्रिभुवन चऊक है । ई के उत्तर तरफ माता बागेश्वरी कै प्राङ्गणमा ऐतिहासिक बागेश्वरी तलाऊ है । अईसेनै कऊनौ समय उत्तर तरफ धम्बोजी कै किनारे वडा तलऊवा जिका आज वाटर पार्क कहा जात है । पच्छु तरफ बाल्दा तलऊवा, पुरवै तरफ भगवान तलऊवा, दक्षिण तरफ गोसाई गाँव कै तलऊवा, पुरवै तरफ रानी तलऊवा, रानी तलऊवा के दक्षिण तरफ पहिले के टण्डन फुल्वारिया कै सामने पच्छु तरफ कै तलऊवा पूरवै तरफ पुरैना तलऊवा जिका आज फुल्टेक्रा तलऊवा कहा जात है । ई मेर ई नगर मा तमामन ताल तलैया ऊ समय मा वनवावा गवा रहय । बैदिक सनातन धर्म कै महान व्यक्तित्व आचार्य चाणक्य आपन नीति शास्त्र मा उल्लेख किहिन है कि एक समृद्ध अऊर सुन्दर नगरी तब बनावा जाय सकत हय, जब नगर कै चारौ अऊर, अऊर बीच मा सुन्दर झील, ताल होय । ताल, झील अईसनै नाय ऊ समय बनवावा जात रहय । ई के निर्माण धार्मिक विधि विधान से होत रहय । निर्माण करेक समय देवतन का आव्हान करिके निमन्त्रण दिहा जात रहय । अऊर ऊ के हिफाजत कै जिम्मा उनही लोग का दय दिहा जात रहय । बाद मा सुन्दर ताल, झील बनिकै तयार होत रहय । ई का बनावेक एक्कै मकसद रहत रहय ।
फाईल फोटो
नगर कै “वाटर लेबल” चुस्त–दुरुस्त राखेक । ताल, तलैया, झील, सरोवर बनेक बजह से नागरिक का शुद्ध पानी मिल पावत रहै । ऊ जमाने मैंहा “हैण्ड पाईप” नाय रहय । ई मारे नगरबासी ऊ ठऊँवा मा पहुँच कै पानी पियेंय, नहावै, धोवय, देवतन के पुजा–पाठ करिकै जल अर्पित करत रहय । आज तव नौवत ई है कि लोग ऊ ताल, तलैया, झील, सरोवर का पाटिकै आपन आवास बनावेक शुरु कर दिहिन है ।
दुःख से कहा जात है, नगरपालिका कै जऊन जनप्रतिनिधि धर्म कै दुहाई दईकै चुनाव जिति कै कुर्सीप बईठेक मऊका पाइन वहय अब अधार्मिक काम करतै कबहुँ हिन्दू आस्था कै जानवर गाय माता का पहाड मा भेजिकै मरावेक अऊर नगर कै ताल – तलैया सरोवर, झील, पटावेक काम मा लागे है । यही मा नगर कै एक प्राचीन तलाव है जिका अब फुल्टेक्रा ताल कै नाम दिहा गवा है । आज कै २०–२२ वरस पहिले ई तलाव कै नाम फुल्टेक्रा ताल नाय रहा ई का शिव गऊचर पानी घाट कहा जात रहै अर्थात ई ठऊवा मा गौवंश स्वच्छन्दता से चरण करत रहय । ई मारे ई का शिव गऊचर कहा जात रहय । नेपालगंज उपमहानगरपालिका कार्यालय कै नगर प्रमुख पद मा जब–जब डा. धवल शम्शेर राणा आयं उन कै बक्रदृष्टि यहैय शिव गऊचर पानी घाट पर परा ।
फाईल फोटो
ई के पहिले भी ऊ नगर प्रमुख भए रहय तब उप नगर प्रमुख भए शम्शुद्दीन सिद्दिकी । ईन लोगन कै कार्यकाल मा भी ऊ समय ई तलऊवा कै जमीन बांडफांड करेक प्रयास भवा रहय । पहिले ई जमीन एकतर्फी रुपमा एक विशेष समुदाय का हस्तान्तरण करेक प्रयास शुरु भवा । ई कै खातिर सीधै मन्त्रालय से ऊ समुदाय का देक कारवाही शुरु किहा गवा । ई प्राचीन ठऊँवा के इतिहास बचावेक आगे आवा ऊ समय कै शिवसेना नेपाल । ई पंक्तिकार ऊ जमाना मा शिवसेना नेपाल कै भेरी अंचल अध्यक्ष रहय । नगर पिता डा. धवल शम्शेर राणा जब ई तलाव का एक विशेष समुदाय का हस्तान्तरण करेक तयारी शुरु किहिन ऊ समय मा हमरेन नेतृत्वमा नगरपालिका कै गेटमा धर्ना दिहा गवा रहय । हप्तन तक नगरपालिका कै काम कारवाही रोका गवा । बाध्य हुई के ऊ समय मा डा. राणा का ऊ पानी घाटका दोसरेन का देके अभियान रोकयक परी गवा । शिव गऊचर पानी घाट का वर्षन केर बाद मा फिर विशेष समुदाय का देयक तयारी शुरु भवा । ऊ समय नेपाल शिवसेना पानी घाट का बचावेक जमीन आधा आधा एक भाग हिन्दु समुदायका अऊर एक भाग आधा विशेष समुदायका देयक प्रयास भी भवा ।
फाईल फोटो
ऊ समय मा नेपाल शिवसेना ई तलाव हम नलेव । ई जमीन मा नगर कै पुरै धर्म, सम्प्रदाय, जात, जाति, लिङ्ग कै व्यक्तिन कै अधिकार हय । ई कै सव लोग बराबर भोग चलन करै पावै कहिस रहय । जेह के कारन जमीन कै बंटवारा रुक गवा । फिर ई जमीन कै एक तरफ हिन्दु समुदाय कै गेट निर्माण दुसर तरफ विशेष समुदाय कै गेट बनेक निर्णय अऊर सम्झौता भवा । सभासद कै कोटा से गेट बनावेक खातिर रकम भी छुटियावा गवा । निर्णय ई भवा कि ई जमीन से कुम्हार सम्प्रदाय मट्टी खोदिके आपन परम्परागत व्यवसाय चलाय सकत है । मेरछुवा पुजा आदि जईसेन पहिलेन से होत आवा है, वईसेन चलि
है । ई काम काम रोका नजाई । अब फिर वहय डा. धवल शम्शेर राणा नगरपालिका कै नगरपिता है उनकै जमाना मा शिव गऊचर पानी घाट, फुल्टेक्रा ताल कै नाम से जिन्न फिर बोतल से बाहर आई गवा है । नगरपिता राणा बहुतय गर्व से कहत है । फुल्टेक्रा ताल पाटिकै हिंया क्रिकेट मैदान बनावै देव । ई जमीन विशेष समुदाय का देवय देव, मेरछुवा पुजा होय देव फिर ई ठाँव कै अईस विकास हुईहै कि लोग देखतै रहि जईहै । ई जमीन से फुल्टेक्रा बासीन कय भविष्य बढिया बनि जाई । नासमझ जईस बात करत है ऊ ।
आपन ठाँव कै प्राचीनता मिटावै से कहुँ समृद्धि अऊर समुन्नति आवत है । शिव गऊचर पानी घाट फुल्टेक्रा वासिन कै शान है । ई का जईसे रानी तलऊवा बनावाय कय पर्यटकीय क्षेत्र कै रुप मा विकास किहा गवा है । वईस काम होयक चाही हिंया । शिव गऊचर पानी घाट कऊनौ प्रसाद नाय होय, जिका सभन मा बांटी दिहा जाय । नेपालगंज उपमहानगरपालिका को होत हय, ई के अस्तित्व मिटावै वाला, सार्वजनिक जगह कोईक बाप केरे बपौती न होय । जिका मरजी होय । बांट दिहा जाय । नगरपिता कै हिम्मत होय तब देखय रानी तलऊवा कै दक्षिण तरफ पुरान टण्डन फुलवरिया कै बगल मा सार्वजनिक शौचालय कै दारेह मा जऊन सुकुम्वासी जमीन अतिक्रमण करिकै वईठ है । उन लोग का लालपुर्जा देवाय दे । तब माना जाई कि नगरपिता विशेष समुदाय कै लोगन कै बहुतय हम दर्द है । नगरपिता डा. राणा ७ नं. वार्ड कै ऐतिहासिक भगवान तलऊवा का पटाय के, हुँवा हेल्थ पोष्ट अऊर वडा समिति भवन बनावेक काम कै शुरुआत किहिन । लाखन लाख लागत से तलऊवामा मट्टी पटवाईन, ऊन कै ऊ काम हुवाँ असफल होईगा । वार्ड नं. ३ श्रीचन्द्र कठमहल कै पाछै र्पिश्चम तरफ कै तलऊवा पटवय कै हुवा भी चिल्ड्रेन पार्क, ३ नं. वडा समिति कार्यालय अऊर हेल्थ पोष्ट निर्माण करावेक खातिर लाखन रुपिया लगाइ कै मट्टी पटवाईन । ई काम भी उन कै असफल देखा जात है । ई मेर नगरपिता सिरिफ नगर कै तलऊवा पाटेक आपन पुरा ध्यान लगाय है । नगर कै विकास का अईसेनै ऊ करिहै ? ६ नं. वडा कै शिव गऊचर पानी घाट आजिकै फुल्टेक्रा ताल २२३ कट्टा क्षेत्रफल मा हय । ई जमीन मा माटी पाटय कै खातिर ३ महिना खरच करिकै जमीन से पानी निकलवा गवा । अन्तर्राष्ट्रिय क्रिकेट मैदान वनवावा जाई नगरपिता कै ई सपना है । मूला ई जमीन एक विशेष समुदाय का देय दिहा जाई, तव यह से आपन बोट बैंक तयार होई है, ई मन्सुबा भी ऊ राखे है । ई बात का फुल्टेक्रा बासी का पुरय नगरबासी जानत है कि नगरपिता आखिर चाहत का है । ई मारे फुल्टेक्रा बासीन कै खातिर ई ठाँव मोहनजोदडो, हडप्पा सभ्यता से कम हैसियत नाय राखत है । काहे कि ई ठाँव कऊनौ व्यक्ति नाय बनवाईस रहय । ई ठाँव प्राकृतिक है । हिँया पानी कै मूल श्रोत रहय । ई मारे फुल्टेक्रा बस्ती कै निर्माण भवा । काहे कि शिव गऊचर पानी घाट कै किनारेन फुल्टेक्रा गाँव भी है । जहाँ पानी कै श्रोत होत हय, हुंवै मानव बस्ती कै विकास होत हय । जहाँ नदी, ताल, तलैया, पोखर, सरोवर होत है हुँवा ऊ बस्ती कै रहय वालेन कै कुल देउता कै बास रहत है । यही मारे मुण्डन संस्कार, विवाह जईसन कार्यक्रम मैहा मेरछुवा पुजा किहा जात है । ई संस्कार का मिटावै कै खातिर नगरपिता अमादा है । काहे कि रानी तलऊवा मा भी पहिले मेरछुवा पुजा होत रहय । अब वडा गेट लगाय दिहा गवा है । मेरछुवा पुजय वाले जात भी हय तो गेट के बहिरे से मेरछुवा पुजि कै वापस घर आय जात है । नगरपिता डा. राणा कै ई कार्यकाल मा नगर कै दुर्दशै दुर्दशा हय । गोसाई गाँव, ताल, भगवान ताल, बाल्दा तलाव के आधा भाग, पुरान टण्डन फुलवरिया कै सामने पच्छु तरफ कै बडा तलऊवा वार्ड नं. ८ कै, श्रीचन्द्र कठमहल कै पच्छु तरफ पाछे केर तलऊवा डा. राणा कै कार्यकाल मा पटि गवा है । तलऊवा पटेक कारन नगर कै प्राकृतिक सुन्दरता मिटि गवा है । अब खाली बडे–बडे स्ट्रीट लाईट मुख्य–मुख्य चऊकन मा देखा जाय सकत हय मूला ऊ स्ट्रीट लाईट रात मा कमै जलत हय । नगर मा अन्धाधुन्ध तरिका से लोग समर सेवल बोरिङ्ग लगवाय कै भू–तल से पानी निकारी रहे है । भू–तल से पानी निकालै कै मापदण्ड नगरपालिका नाय बनाय पाइस है । अन्धाधुन्ध ढंग से भू–तल से पानी अईसेनै निकाला जई है, तव ई नेपालगंज नगर सहेट महेट जईस हुई जई है । काहे कि भू–तल मा पानी रही तो जमीन कै अन्दर रहा प्लेट सुरक्षित रहि हय । पानी नही रही तो प्लेट मा असन्तुलन पईदा हुई जई है अऊर नगर जमीन मा धंसी जई है । ई मेर नगरपिता राजसी शान वान आन कै अनुसार नगर मा कहुँ तलऊवा पटऔ, कहुँ पारिक बनावाय देव, कहुँ जानवरन का बन्धक बनावै कै खातिर चिडिया घर अऊर मिनि जु पार्क बनाव, क्यासिनो, मल, आधुनिक पार्क जईस बनावेक ओर जादा ध्यान दिहे है । अईसेन ऊ काम करिहै तौ नेपालगंज कै अस्तित्व मिटैयक बहुत खतरा है ।
(स्रोतः समाज जागरण साप्ताहिक)