२०७७ चईत २४ गते
नेपाल पत्रकार महासंघ बाँके शाखा कै चुनाव यहय चईत २५ गते बुधबार दिन होए वाला है । ई चुनाव से कलम तलवार नबनि जाए ई बारेमा सोचेक जरुरी हय । यहय चुनाव से महासंघ कै नवाँ कार्य समिति बनी कै पत्रकारन के हकहित के बारे मा ३ वर्ष कै आपन कार्यक्रम बनाई । नेपाल पत्रकार महासंघ बाँके शाखा कै इतिहास बहुतय पुरान हुई गवा है । जब ई देशवा मा कउनौ समय मञ्जु रत्न शाक्य कै नेतृत्व वाला नेपाल पत्रकार महासंघ रहय, ऊ समय बाँके जिल्ला कै अग्रज पत्रकार राधेश्याम शर्मा, जित बहादुर बी.सी., गोपाल बहादुर सिंह, परमानन्द मिश्रा, राम गोपाल वैश्य, मणिलाल गुप्ता, पन्नालाल गुप्ता जईसेन लोग हिंया नवाँ नेपाल पत्रकार महासंघ का गठन करेक प्रयास शुरु किहिन रहय । ई प्रयास तब सफल हुईगा जब मो. लियाकत अली सिद्दिकी केरे अध्यक्षता मा हिंया महासंघ कै स्थापना कर दिहा गवा । ई चुनौति बहुत कठिन रहय । काहे कि ऊ समय मा मञ्जु रत्न शाक्य कै महासंघ कै पुरै देशवा मा बहुतै बोलवाला रहय । मञ्जु रत्न शाक्य सरकार से बहुतय फाईदा लिहिस ई महासंघ मा लगे लोग देश मा का विदेशव तक महिनौ महिना घुमेक मउका पावत रहय ।
सारा सुख सुविधा सरकार से ई पावत रहय । मुला कहा गवा है । ऊचाई भी कबहुँ निचाई मा आवत है । प्रगति भी अवनतिमा आवत हय । मञ्जु रत्न शाक्य कय महासंघ कै दिन नीचे आई गवा जईसे आज कै नेपाल पत्रकार महासंघमा भेडिया घसान कै स्थिती हय ई मा जो पत्रकार नाय हय वहु भी पत्रकार महासंघ कै सदस्यता पावत जात हय । वही मेर ऊ समय कै मञ्जु रत्न शाक्य कै नेपाल पत्रकार महासंघ मा काठमाण्डु उपत्यका कै अटो रिक्शा चालक तकके लोग सदस्यता पावेक सफल हुई गए रहय । नतिजा ई आवा ऊ महासंघ धडाम से धरासाई हुईगा अऊर नवाँ बना नेपाल पत्रकार महासंघ एक दमै से ऊचाई मा पहुँच गवा । स्थिती आज ई है कि नेपाल पत्रकार महासंघ आज देश कै सभन पत्रकारन कै अगुवाई करत है । तमाम विचार धारा, वर्गन कै पत्रकारन के ई छाता संगठन वन गवा है । ई ऊचाई ई कब तक रही कहा नाय जाय सकत है । प्रकृति कै एक नियम है जो आज है ऊ कल नाय रही । जो बना है ऊ एक दिन जरुर बिगरी । ई बात एक दमै सटिक अऊर सांच है ।
संस्थापक अध्यक्ष मो. लियाकत अली सिद्दिकी
पर एक बात है अफशोस जरुर हय कि ई नेपाल पत्रकार महासंघ पुरान तौ जरुर हुई गवा है मुला अतना पुरान नाय हुई गवा है जि का बहुतय प्राचीन कहा जाए । बहुतय कम समय मा ई मा तमाम बुराई अऊर कु संस्कार आई गवा है । जे के खातिर ई के बुरा दिन ठऊरै आई गवा है । ई का महसुस आजय से किहा जाय लाग है । सबसे बुरा बात अऊर कमी कमजोरी ई आवा है कि ई महासंघ मा राजनीति बहुतय हावी हुई गवा हय । नेपाल पत्रकार महासंघ मा आपन पकड बनावय खातिर देश कै प्रमुख राजनीतिक दल महिनन से तैयारी करय लागत है । आपन विचार का दोसरेक ऊपरे थोपय केर खातिर आपन दल कै कार्यकर्ता का पत्रकार बनाए कै गुपचुप ढंग से ई के सदस्यता दिलाय देत हय । बाद मा ऊ का महासंघ कै अध्यक्ष जईस पद मा बैइठावेक सफल हुई जात हए ।
पूर्वअध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर
ई कारण देश कै पत्रकारिता जनता कै हित मा काम नाय कर पावत हय । नेपाली काँग्रेस कै भातृ संगठन कै रुप मा हिया नेपाल प्रेस यूनियन काम करत हय । अईसनै हिंया प्रेस चौतारी नेपाल (के.पी. शर्मा ओली समूह), प्रेस चौतारी नेपाल (माधव नेपाल समूह), नेकपा माओवादी केरे प्रेस संगठन नेपाल, जनमोर्चा कै प्रगतिशिल अऊर तमाम मधेशी राजनीतिक दल कै हित मा बना अवधी पत्रकार संघ हिंया हय ई मा यूनियन–चौतारी जईसेन राजनीतिक दलन से चलय वाला संघ संगठन आपन–आपन राजनीतिक रोटी सेंकय कै खातिर नवाँ नवाँ रणनीति रोजय बनावा करत हय । अईसन मेर कै रणनीति ई बार कै चुनाव मा देखा जाय लगा है । हुवा केन्द्र मईहा नेकपा एमाले (के.पी. शर्मा ओली समूह) अऊर माधव नेपाल, पुष्प कमल दाहाल (प्रचण्ड) कय समूह केरे बीच राजनीतिक मतभिन्नता अतना है कोई एक दोसरे का देखेक नाय चाहत हय ।
स्थिती आज ई हय कि माधव नेपाल कै नवाँ राजनीतिक दल बनेक स्थिती मा पहुँच गवा हय । मूला हिंया नेपाल पत्रकार महासंघ कै चुनाव मा दोसर नजारा देखाई परत हय ई नजारा सबका आश्चर्यमा डालेक काफी हय । कुछय दिन पहिले दाहाल कय पक्ष मा काम करय वाला प्रेस संगठन नेपाल अऊर माधव नेपाल कै पक्षमा काम करय वाला प्रेस चौतारी नेपाल कुछ दिन तक मिलि कै काम किहिस । कुछय दिन पहिले ई लोग मिलिकै राप्ती सोनारीमा पहुँचकै कार्यक्रम किहिन अऊर हुआ से राप्ती सोनारी घोषणा पत्र जारी किहिस । अब अचानकै उनकै समिकरण बदलि गवा है । अब प्रेस संगठन नेपाल, प्रेस चौतारी नेपाल (के.पी.शर्मा ओली समूह) से मिलि के चुनाव लडी रहा हय । दोसर तरफ माधव नेपाल कै समर्थन वाला प्रेस चौतारी नेपाल, नेपाली काँग्रेस कै भातृ संगठन नेपाल प्रेस यूनियन से मिलि कै ई चुनाव लडी रहा है । ई बात सबका चौकावय वाला होय कि नाही ? ई मेर कुर्सी पावेक खातिर हिंया अपवित्र गठबन्धन करेक गुरेज कोई नाय करत है । कईसौ भाग बण्डा करिकै कुर्सीप कब्जा जमाओ सभन कै एक्कै उद्देश्य है ई मा जनता कै भला होय नहोय मुला आपन पार्टी कै भला जरुर होय । सभय राजनीतिक दल एहय बतिया सोचत हय बडा गन्दा विचार है ई सभन कै कुर्सी पावेक खातिर ई नजनाय कतना नीचे गिर सकत है । कुर्सी केर खातिर जेहसे विचारउ नाय मिलत हय उन लोग से भी बाद मा समझऊता कर लेत है । कऊनौ बात नाही महासंघ जिधर भी जाय जनता कै हित मा काम होय चाही । ई चुनऊवा आज चईत २५ गते दिन हुई है जरुरय अऊर कऊन समूह जीती कऊन समूह हारी ई के नतीजा चईत २६ गते जरुरै आई जाई । महासंघ कै चुनाव होएक अब थोरै घण्टा बचा है । ई मा बाँके जिल्ला केरे असली अऊर सांच कै पत्रकार सोचत का है ई बात का समझेक जरुरी है ।
नेपाल पत्रकार महासंघ बाँके शाखा कै स्थापना से लईके महासंघ कै भवन बनै तक तमामन पत्रकारन कै ई भवन बनै तक पत्रकारन कै खुन, पसीना, जांगर, रुपियाँ, पैसा तक लगा है । ई मारे ऊ पत्रकार अब बहुतय पेशो पेश कै स्थिती मा है कि आखिर अब आगे होई है का ? ई कै साथै मा ऊ ई बात का भी सोंचत है कि आवै वाला नवाँ कार्य समिति पत्रकारन कै हित मा कत्ता काम कर सकत है । ई मा हमरे सोंच हय कि पत्रकार महासंघ अब जवान हुई गवा है । ई मारे ई के शारिरिक अऊर बौद्धिक विकास भी हुई है जरुरय ।
पूर्वअध्यक्ष स्व. पन्नालाल गुप्त (चच्चा जी)
मूला ई ऊ बात पर निर्भर है कि आवै वाला नवाँ कार्य समिति मेहनती, ईमानदार, जोश जांगरवाला साथय साफ स्वच्छ छबी कै होय वाला होय । कुछय घण्टा पहिले चुनाव कै उम्मेदवार चयन करेक प्रक्रिया शुरु भवा रहय । ई प्रक्रिया मा पुरान पत्रकारनका कऊनौ तवजज्ब नाय दिहा गवा है । अग्रज पत्रकार कै उम्मेदवारी पीछे धकेली कै नवाँ उम्मेदवारका चुनाव लडेक मऊका दिहा गवा है । उम्मेदवार चयन करत समय उम्मेदवारन केरे विगत कै चरित्र तर्फ कऊनव ध्यान नाय दिहा गवा है । ई मेर बनय वाला कार्य समिति साफ स्वच्छ पत्रकारन कै बनि है ई के कल्पना तक नाय किहा जाय सकत है । ई चुनावमा कुछ चेहरा बेदाग है । मूला ऊ जिति है कि नाय जिति है ई के गारेन्टी नाय हुई सकत है । महासंघ कै मतदाता वर्ग अवही बहुत चिन्ता मा हय कि भोट किका दिहा जाय अईसन समय उनकै कठिन परीक्षा कै घडी है ।
कि ई चुनाव मा ऊ कऊनौ समूह का न देखा जाय । कऊन समूहमा साफ स्वच्छ चेहरा कै उम्मेदवार हय ऊ के पहिचान करि के वही का आपन भोट देई दे तो महासंघका सभय पत्रकारन कै भला हुई है । ऊ उम्मेदवार का आपन मत न दे जो जितिके महासंघ कै कार्य समिति मा पहुचय फिर आपन धौंस देखाए कै उद्योगपति, व्यापारी, सरकारी हाकिम, संघ, संस्था से रुपिया ऊगाही करय । अईस उरम्मेदवार जितिके पहुँच जईहै तो ऊ दिन बहुतय दुर्भाग्यशाली होई है । कलम तलवार बनि जाय के खतरा है यह से पत्रकारिता कै क्षबि विगडी अईसेन जऊन नवाँ कार्य समिति बनय ऊ ई काम करै कि महासंघ, पत्रकारिता क्षेत्र कै क्षबि सुधरै ।
बाँके जिल्ला कै पत्रकारिता देश अऊर जनता गरीब, पिछडे, दलित, शोषित पीडित महिला, बच्चन दबे कुचले कै आवाज उठावेक एक माध्यम बनय अईस स्थिती बनावै कै खातिर महासंघ कै सदस्यता शुद्ध करेक, पत्रकारिता क्षेत्र आर्थिक रुप से मजबुत बनवयक, पत्रकार आचार संहिता कै उल्लेघन नहोय । ई के खातिर ठोस योजना बनाए कै आगे बढय यही सभन मतदातन कै साेंच अऊर इच्छा है । ईमेरउ काम हुई पाई तब महासंघ समृद्धि कै तर्फ बढी ईमेर काम नहोई पाईस तब जईसे मञ्जु रत्न शाक्य कै महासंघ के साथ मा भवा वईसेन ई के साथ नहोई है, ई बात नाय कहा जाय सकत है । काहे की अबही हिंया ब्लेक मेलि·, जबरजस्ती असुली, डर, धाक, धम्की, देय वाले पत्रकारन कै संख्या बहुत बढ गवा है । अईसेन पत्रकार से सब लोग दुरी बनावैंय । कलम तलवार न बनि जाय ई का रोकयक जरुरी है । ई मारे चुनावमा मतदाता अबही से सावधान होई जाय ।
(स्रोत समाज जागरण साप्ताहिक)