२०७७ माघ १० गते
“एक कहावत है दाना दाना पर लिखा है खाने वाला का नाम” घर मैंहा प्रयोग करैवाला सामाग्री से उपयोगी सामाग्री कै जानकारी, घरहिन से आप लोग पेट भरेय खातिर, खाना बनावैक एक छोट, सफा रसोई घर रहत है, रसोई घर कै हम लोग पूजा कइकै तब जउन है घर के भितर प्रवेश करा जात है । घर चलावैक सब महत्वपूर्ण योगदान रसोई घर कै रहत है । उसे सैगर जउन है रसोई चलावैवाली गृहणी रहत हिंयैं ।
रसोईक बिषयमा हम गृहणी लोग काम तऊ करा जात है । घरके हर सदस्यन कै जरुरत का पूरा कीन जात है । मने हम लोग प्रयोग होयवाला सामाग्री कै सही उपयोग करा जात है । कहूू हम लोग से अनावश्यक खर्च तव नाय होत है । ई सब बातन कय ध्यान अऊ जानकारी कय साथेन भोजन बनावैक समय मईहाँ ध्यान देयवाली जानकारिउ हय, अउर एक सामाग्री से दोसर काम मईहा प्रयोग कय सका जात है ।
रसोई कय जानकारीः–
(१) अगर आप बजार से सब्जी कय खरीददारी जादा कई कय लावा गवा हय तऊ जरुर एक दुई दिन कय बाद मईहा हरेर से सुखाय लागत हय । ऊ सुखान सब्जी कईहाँ हरेर बनावैक उपाय सब्जी कईहा रातमा खुला बरतन मईहा कई कय अंगना मईहा रक्खा जाय रात के शीत से सब्जी फिर से हरेर अऊ ताजगी उमा आय जात हय ।
(२) दोसर उपाय हय अगर सब्जी सुखाय गवा होय तौउका ठन्डा पानी मईहाँ डार देव अउर थोरा नेबुवा कय रस पानी मईहा मिलाय देव कुछ देरमा सब्जी फिर से एकदम फ्रेश कय देत हय ।
(३) अगर आप राजमा या तौ टमाटर, चना भिजोयक भूल गई हौ तौ बनावै से एक घण्टा पहिले गरम पानी मईहा भिजोवे से आप कय सामाग्री बनावैक लायक एकदम तयार होई जात हय ।
(४) मिर्चा या तौ लाल मिर्चा पिसेक बाद मईहाँ हाथ कय जलन खतम नाय भवा तव जलन खतम करैक खातिर ठण्डा दूध मईहा कुछ देर तक काथ डुबाय के रक्खे से जलन खतम होई जात हय ।
(५) अदरक, लहसुन, अउर हरेर मिर्ची कै पेष्ट सैगर दिन तक पीस के रखैक चाहत हौ तव पेष्ट मईहा थोरा से गर्म तेल मिलाय कय फ्रीज मईहा रख्खा जाय तव कइउ दिन तक ऊका आप प्रयोग कय सका जात हय । पेष्टमा तनिकव महक न होई ।
(६) लहसुन का बकला सहित छौकना लगाये से लहसुन कय महक सैगर मात्रा मईहा रहत हय ।
(७) खायेक मईहा घी कय प्रयोग चाहत हव तव खायेक मईहा डारैक खातिर घी कईहा हमेशा तनि कम आँच मईहाँ गरम करा जाय तव । ई कय वजेसे खायक मईहा घी कय महक जउन हय सैैगर मात्रा मईहाँ रहत हय ।
(८) जीरा, ईलाइची, लेवांग, जैफर, मसाला का पीसे से पहिले एक घण्टा अगर घाम मईहा अच्छा से सुखाय कय, मसाला पीसे से अच्छा से पिसान होई जात हय ।
(९) अगर घर मईहा दही हय । अगर दही मईहा पानी सैगर होय तव दही का छान कय ऊकय पानी से आँटा (पिसान) साने से रोटी एकदम नरम अउर एकदम स्वादिष्ट बनत हय ।
(१०) भटुरा बनावैम मईदा मईहाँ दही कय पानी से मईदा कईहा सानैम ई कय प्रयोग कय सका जात हय ।
(११) अगर जान लेयक चाही खाना मईहा खानावाला चाउर बचगा हय तव ऊमा रवा, नमक खट्टा दही अउर गरम पानी डारिके पीस कय मिश्रण से इडली बनाय सका जात हय वहू खायम बडा मजा आवत हय ।
(१२) एक बात हय अगर देशी घी कईहाँ कइउ साल तक रखि कय प्रयोग करा जात हय तव घी कय डेब्बा मईहाँ जान लेयक चाही गुड अउर सेंधा नमक कय एक (एक टुकरा डारे से घी मईहा ताजा अव सुगन्ध हमेशा बना रहत हय ।
(१३) पुरी कय खातिर (आँटा) पिसान साने कय बदा मईहा पिसान कईहाँ सुती कपडा भिजोय कय थोरा देर तक लपेट कय रख दिया जाय तव पुरी बनावा जाय, पुरी नरम रही अउर पुरी हाली फूलतौ हय । पुरी बनावैक समय मईहा एक चीज अगर तनि ध्यान देय वाला चीज हय तेल मईहा अमरुद कय एक दुई ठउर पाती डार देव तो पुरी कय रंग जान लेयक चाही लाल न होई ।
(१४) अगर पुरी कईहा चुरचुरौवा बनावैक चाहा जात हय तव (आँटा) पिसान कईहाँ सानत समय पिसान मईहा (सूजी) रवा या तव चाउर कय पिसान मिलाये से पुरी कडी अव चुरचुरौवा बनत हय खायम मजा आवत हय ।
(१५) टमाटर कय सूप या टमाटर कय सस मईहा अउर रंग लावयक खातिर सस मईहा चुकन्दर कय एक दुई ठउर टुकरा कय पीस डार देव तव सूप अव सस खूब लाल रंग होय जात हय ।
(लेखिकाः शिक्षक होंय, नेपालगंज उपमहानगरपालिका–११, भवानी बाग नेपालगंज) स्रोतः समाज जागरण साप्ताहिक