Saturday, November 23सत्यम खबर
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अवधी भाषा मइहाँ पत्रिका निकारैक हमार ई परियास

नेपालगंज नगरी मइसे ई हमार समाज जागरण पत्रिका बि.सं. २०६४/०६५ साल से निकरै लाग हय । वइसे तो ई हमार पत्रिका नेपाली भाषा मइहाँ आज तक निकरत आवत रहा हय । हम लोग अवध प्रांत के रहय वाले लोग होई । इमारे हिंया सैगर अवधी भाषा मइहाँ लोग बोलत हय । घर मइहाँ हाेंय या बाहेर अवधी भाषा गायन अउर हिंया बजरिया भर बोला जाता हय । फिरिव लोग हिन्दी भाषा कइहाँ आज तक आगे बढावत आय हँय । हमार पुरिखा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम भी अवधी भाषय मइहाँ बोलत रहेंं । भगवान के जीवन चरित्र उजागर करेक खातिर गोश्वामी तुलसीदास जी महाराज अवधी भाषा मइहाँ रामायण लिखिन इै के खातिर अवधी जन–जन केर भाषा होय । हिन्दी भाषा मइहाँ उर्दू केर मिलावट हय, अवधी भाषा मइहाँ अउर कउनव विदेशिन भाषा केर मिलावट नाई हय । ई खातिर अब हमार मन भवा हय कि अपन ई पत्रिका मइहाँ अवधी भाषा केर लेख अउर रचना डारा जाय ।


हमरे बि.सं. २०७७ माघ १ गते ( खिचरी ) के दिन से ई अपने पत्रिका मइहाँ अवधी भाषा केर लेख अउर रचना डारे हन । ई हमार जउन हय एक प्रयास हय कहां तक लोग पढ्त जाइहँय ई देखके अब हमार मन बनाय लिहेहन कि ई अपन पत्रिका मइहाँ अवधी भाषा के विकास के खातिर नियम से २–४ अवधी भाषा केर लेख रचना जरुर डारिब । ई काम कइहाँ आगे बढावैक खातिर अवधी भाषिन भैय्यन केर प्रोत्साहन अउर सहयोग केर आवश्यकता रहा हय । हिंया नेपाल (गोरखाली) देश मइहाँ अवधी भाषा केर बोलय वालेन केर कउनव कमी नाई हय । लाखन लोग अवधी भाषा बोलत हँय । हियां नेपालवैम खाली नाहीं ई भाषा नाई बोला जात हय अउर अंग्रेजी (हिन्दूस्तान) मइहाँ अयोध्या, फईजावाद से लैकय हुँवा अण्डमान किंवार दीप समूह तक अवधी भाषा बोला जात हय । मने चलन मइहाँ लावैके खातिर लोग शर्मात हँय । ए भैय्या हम अवधी भाषा बोलित हय पर चलन चलती मइहाँ लावैके खातिर काहे शर्माई नेपाल सरकार भी अब स्थानीय भाषा कय मान्यता दय दिहिस हय ई मारे चाहे सरकारी कार्यालयन मइहाँ जाव– चाहै अउर कउनव काम मइहाँ जाव हर जगह अवधी भाषा केर प्रयोग कराय दिया जाय । सरकारी कार्यालय मइहाँ भी निवेदन तक देयक होय तौ अवधी भाषय मइहाँ निवेदन लिख के देव कोई ईके उप्पर आर्पित करय तो ई कय जरुर विरोध मइहाँ उतरव देश मइहाँ प्रजातन्त्र, लोकतन्त्र अउर गणतन्त्र हय । ई मारे हमका बराबर केर अधिकार जरुर चाही । हमार अवधी भाषा केर भी विकास सरकार करय । ई ऊ कय जउन हय जुम्मेवारी हय मने अवही हमरे समाज मइहाँ जागरुकता नाई आवा हय । ई मारे ऊ पहाडै केर लोग जो आज आपीस अड्डन मइहाँ अधिकारी बनिके बइठें हय ऊ सब हमरे ई अवधी भाषा केर हंसी उडावत हँय । हमरे बेइज्जती करय से तनिकव चुकत नाई हँय । जउन दिन से हमरे समाज मइहाँ जागरुकता आवा हमका बराबरी केर अधिकारौ मिली अउर हमरे ई अवधी भाषा केर विकासव होई । अब जमाना बदलि गवा हय । ई मारे पहिले अपनय मइहाँ जागरुकता लावय केर प्रयास सब लोग करव कहा गवा हय ।
‘अन्त भला तो सब भला’ अवधी सब ठीक–ठाक ढंग से चलत हय अवय वाला समय मइहाँ भी सब ठीक – ठाक से चली ई मारे अवही भी समय हय जैसन मैथिली, भोजपुरी अउर हिन्दी केर खुब विकास भवा अइसहिन ई अवधी भाषा केर भी विकास करयक खातिर अब सबका जुटयक परा । ई मारे हमरे ई अवधी भाषा मइहाँ निकारा गा पत्रिका कइहाँ आप लोग आवश्यक राय सुझाव जरुर दीन जाय । ई पत्रिका मइहाँ कउनव मेरकेर कमी कमजोरी हय तौ आप लोगन केर राय सुझाव दीन जाय ऊ से दूर किहा जाई अच्छा अब ठीक हय सब भईयन कइहाँ राम–राम हय हमरे ओर से । ई पत्रिका अवधी भाषा मइहाँ आज निकरा हय । आज मक्रर संक्रान्ति ( खिचरी) कय बहुत बहुत शुभकामना हय । दोसर अंक निकरैक खातिर आस करा जाई ।

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