२०७७ माघ ७ गते
विवाह कय बात सुनिकय चवकव नाय जउन विवाह कय बात हक बतावक चाहित हय तउन हमरे समाज कय दुर्दशा किहे हय । वह कय नाम हय बाल विवाह । जउन हमरे समाज मइहा“ पुरान चलन सब कोई कहत हय । आज से पचास वर्ष पहिले बाल विवाह से समाज मईहा“ कोई दुष्परिणाम नाई भवा रहय काहे की बारह–पन्द्रह वर्ष के उमेर मईहा“ बिटियन कय विवाह होत रहय । फिर पा“च या सात वर्ष कय बाद गवन होत रहय । साल दुई मईहा“ थवन होत रहय । तब तक बिटियन कय उमेर बीस–वाईस होय जात रहय । औ ऊ बिटिया सयान संज्ञान होई जात रहय ।
चौबिस पच्चीस वर्ष मईहा“ सन्तान कय जन्म देय मईहा“ पुरा सक्षम होई जात रहय । बच्चा भी स्वस्थ पईदा होत रहय । स्वस्थ बच्चा होय से महतारी अउर बच्चा कय भर पेट दूध पियाय कय पालत रहय । जिसे लडिका बच्चा बीमार कम परत रहय । दुई तीन वर्ष तक बच्चा दूध पियत रहय तब तौ खेते खरिहाने मइहा“ तगडा काम होत रहय । ई सब बात आज सब लोग जानत हव हम खाली लिख दिया हय । वहि समय विवाह किहे हमार पुरान बाबा, दउवा से पुछव तव बतइहैं, ई बात सच हय ।
अब तनि आज जमाना कय गाव घर मईहा“ होय वाला विवाह कय बारे मईहा“ जाना जाय सरकार बाल विवाह कय कानूनी अपराध माने हय । बिटियन कय विवाह कय उमेर सरकार बीस वर्ष कय निश्चित किहिन हय । हमरे गांव घर मईहा“ जब कउनव बिटियक विवाह करयक समय मईहा“ अगर वहकय उमेर पन्द्रह वर्ष कय होई तव गांव पालिका या ओडा कार्यालय मईहा“ जाय कय कहिसुनि कय दय लय कय वह कय जन्म दर्ता सय बीस वर्ष सावित होय वाला कागज वन वावत हय अव कानून कय आंखि मईहाँ धूर झोक कय विवाह कय देत हय । आगे कय सोचतय नाई हय कि का होई । तब तनि अवही कय विवाह कय बात कीन जाय चौदह–पन्द्रह, सोरह वर्ष कय बिटियन कय विवाह बाप महतारी कय देत हय । अव बिहायेम साथेन बिटियक बिदाई होय जात हय ।
ऊ बिटिय सतरह, सोरह वर्ष मईहा“ गर्भवती होय जात हय । अवही उनकय उमेर पूरा नाई रहत हय । शरीर कय पूर्ण रुप से विकाश नाई भवा रहत हय । गर्भधारण करयक क्षमता पूर्ण रुप से विकसित नाई रहत हय । लेकिन गर्भवती होय जात हय । यह कय दुष्परिणाम का होत कि बच्चा गर्भमा पूर्ण रुप से विकसित नाई होय पावत हय । महतारी कय शरीरमा खून कय कमी जर बोखार अनेकन समस्या पईदा होय जात हय । बच्चा कय जन्म कय समय भी कहुं कहुं तव महतारी बच्चा दूनव कय जान चली जात हय । अव बच्चा अगर जन्म लई लिहिस तव कुपोषित होय जात हय, कमजोर रहत हय । अव कबहुं कबहुं तव नाई बचाय मिलत हय । अतनेन से समस्या खतम नाई होत हय । कम उमेर कय महतारी कय दूध कय समस्या होत हय । दूध नाई रहत हय अव बाहेर कय दूध पियावत हय । जी कय कारण बच्चा कय स्वास्थ्य नीक नाई रहत हय । समय समय पर महतारी अव बच्चा बीमार रहत हय । यह से परिवार मईहा“ चिन्ता अव खिन्नता रहत हय । कोई कोई महतारी कय बच्चा का दूध ईमारे नाई पियावत हय कि दूध पियाए से शरीर कय सुन्दरता कम वा खराब होय जाई उनकय बच्चा कय स्वास्थ्य कस रही सोचा जाय । महतारी कय दूध बच्चा कय खातिर अमृत हय यी बात का नाई सोचत हय ।
अब हक जउन बात लिखा चाहित हय तउन ई होय गणेशपुर कय धनीराम यादव अपने बिटिया कय बिहाए कय कारण बहुत परेशान रहे कोदही गांव मईहा“ उनकय हैसियत से मिलत जुलत रामदीन यादव कय लरिका घर भरे कय खूब नीक लाग बियाहे कय बात चीत चला दाना दहेजा कय बात चीत मिल गवा मुला तरिकवा कय उमेर १७ वर्ष रहय अव धनिराम कय बिटिया १४ वर्ष कय लागत रही सरसलाह कीन गवा तव आखिर मईहा“ ई बात भवा कि धूमधाम नकरव दुई–चार जने बरतिहा आओ अव चुपचाप विवाह कय दीन जाय यही बात तय भवा ।
महाराज का बोलाय कय लगन साइत विवाह सोध पूछ हुई गवा । निश्चित दिन मईहा“ कोदही गांव से सात जने बराती कय रुप मईहा“ आए अउर रामदीन यादव कय लरिकवा जिकय नाव पूरन रहय वह कय हियाँ दुलहा साजिन धनिराम यादव अपने बिटिया राधा कय विवाह चुप्पी चुप्पा कय दिहिन अउर भोरहे बिटियक बिदा कय दिहिन । चार पाँच महिना कय बाद पता चला कि राधा गर्भवती हय तव दूनौ परिवार खूब खुशी भए । गांव वाले बतुवाय कि धनीराम यादव कस कानून कय आंखिम धूर झोक कय बिटियक विवाह कय दिहिस ।
छ सात महिना कय बाद मईहा“ राधा कय बच्चा जन्म लेयक समय आवा तव लोग कय सलाह से अस्पताल लावा गवा डा. साहेब जाँच कय के बताइन कि बच्चा पेट मईहा“ उल्टा हय अप्रेशन करईक परी महतारी कय शरीर मईहा“ खून भी कम हय तव पहिले चार बोतल खून कय इन्तजाम जल्दी करव । रामदीन यादव दौरधूप कय खून कय इन्तजाम किहिन राधा कय खून चढावा गवा फिर अप्रेशन कय तयारी होय लाग कागज सब तयार कई कय अप्रेशन शुरु भवा रामदीन यादव अव धनीराम यादव कय तकदीर कहा जाय या राधा कई दुर्भाग्य या कम उमेर मईहा“ विवाह कय परिणाम कहा जाय राधा अव वक कय बच्चा का डा. साहेब लोग भरपूर कोसिस करय कय वावजूद नाई बचाय पाईन् ।
राधा अव वह कय बच्चा कय नरहि जाएसे दूनौ परिवार मईहा“ बडा मातम होइ गवा रोउना पिटना परा रहय कोई कय चूल्हा नाई बरा । धनिराम यादव रोय रोय कय सब से कहय भैया कम उमेर मईहा“ बिटियक विवाह न करौ, जस हम दुःख भोगे हन कोई न भोगय सरकार नीक बात नियम कानून बनावत हय । लेकिन हम लोग वहका माना नाई जात हय । वही कय दुःख आज हम भोगित हय । आप सब लोग भी ई बात का समझ कय मनमा उतार लेव । (स्रोतः समाज जागरण साप्ताहिक)